तापायनिक उत्सर्जन Thermionic emission

तापायनिक उत्सर्जन


क्या आपको किसी धातु से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन कराने के विभिन्न प्रकारों का पता है? आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि किसी धातु तल से मुक्त इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कराने के लिए उस धातु को चार प्रकार से ऊर्जा प्रदान की जा सकती है। अतः धातु से इलेक्ट्रान उत्सर्जन मुख्यता चार प्रकार का होता है तापायनिक उत्सर्जन, प्रकाश विद्युत उत्सर्जन, क्षेत्र उत्सर्जन, तथा द्वितीय उत्सर्जन, आज इस पोस्ट में हम तापायनिक उत्सर्जन को समझेंगे।

तापायनिक उत्सर्जन किसे कहते हैं?

       जब किसी धातु को गर्म करते हैं तो उसकी सतह से इलेक्ट्रॉन निकलने लगते हैं, चूंकि ये इलेक्ट्रान धातु को गर्म करने पर निकलते हैं इसलिए इन्हें तापायन कहते हैं तथा इस घटना को तापायनिक उत्सर्जन कहते हैं। इस घटना की खोज वैज्ञानिक एडिसन ने सन 1883 में की थी। अतः किसी धातु को गर्म करने पर या ऊष्मीय ऊर्जा देने पर उसकी सतह से मुक्त इलेक्ट्रॉनो का निकलना तापायनिक उत्सर्जन कहलाता है। इस घटना में ऊष्मीय ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपांतरण होता है।




तापायनिक उत्सर्जन की व्याख्या:

       हम जानते हैं कि प्रत्येक धातु में अत्यधिक संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉन उपस्थित रहते हैं, जो किसी गैस के अणुओं की भांति इधर-उधर स्वतंत्रता पूर्वक घूमते रहते हैं परंतु धातु को छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं। धातु के जिन परमाणुओं से यह इलेक्ट्रॉन अलग होते हैं वह परमाणु धन आयनों के रूप में रहते हैं अतः साधारण अवस्था में धातु के मुक्त इलेक्ट्रॉन धन आयनो के आकर्षण के कारण धातु को छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं। परंतु धातु को गर्म करने पर इनकी गतिज ऊर्जा इतनी बढ़ जाती है जिससे कि यह पृष्ठ प्राचीर(surface barrier) को पार करके धातु में से ऊबलने लगते हैं तथा उससे अलग हो जाते हैं। स्पष्ट है कि तापायानिक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए किसी धातु को गर्म करना अति आवश्यक है। धातु का ताप जितना अधिक होगा उतने ही अधिक इलेक्ट्रान धातु से निकलेंगे स्पष्टतः तापायनिक उत्सर्जन की क्रिया किसी द्रव्य की सतह से वाष्पन क्रिया के अनुरूप है।

किस धातु में तापायनिक उत्सर्जन संभव है?

       ताप आयनिक उत्सर्जन के लिए प्रयुक्त धातु में निम्नलिखित दो गुण होने चाहिए-
  1. धातु का गलनांक अधिक होना चाहिए जिससे गर्म करने पर वह पिघल ना जाए।
  2. धातु का कार्य फलन कम होना चाहिए जिससे कि उसे कम ताप तक गर्म करने पर ही उससे अत्यधिक संख्या में इलेक्ट्रॉन निकलने लगे
उपर्युक्त दोनों बातों को दृष्टि में रखते हुए तापायनिक उत्सर्जन के लिए टंगस्टन एक सर्वोत्तम धातु है क्योंकि इसका गलनांक 3655K है तथा इससे बहुत अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए इसे 2500K ताप से 2000K ताप तक गर्म किया जाता है। यदि थोरियम युक्त टंगस्टन प्रयुक्त किया जाए तो इसे इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए 1900K ताप से 2000K ताप तक गर्म करना पड़ता है। यदि टंगस्टन पर बेरियम तथा स्ट्रांशियम ऑक्साइड का लेप कर दिया जाए तो इसे इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए 1000K ताप से 1150K ताप तक गर्म करना पड़ता है।

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