SIM Card

सिम कार्ड (SIM Card)

सिम कार्ड (SIM Card) क्या है?— SIM का अर्थ है Subscriber Identity Module. यह एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक चिप (IC) है जिसका उपयोग मोबाइल फोन पर कॉल करने के लिए किया जाता है। सिम कार्ड मोबाइल में लगाने पर स्थानीय एम.टी.एस.ओ. के प्रेषित से संबंध स्थापित हो जाता है जिससे कि फोन कॉल भेजी वा प्राप्त की जा सकती है। मोबाइल में कोई नंबर डायल करने पर सिम कार्ड स्थानीय टावर पर उस फोन की आइडेंटिटी दिखाता है। तथा जिस नंबर पर कॉल की गई है उसे उपग्रह की सहायता से ढूंढ कर उसे जोड़ देता है। सिम कार्ड मोबाइल कंपनी द्वारा दिए जाते हैं जिसकी सूचना MTSO को दी जाती है सिम के सत्यापन के उपरांत एमटीएसओ उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को सक्रिय करता है जिससे मोबाइल फोन उपयोग करने योग्य बन जाता है। यानी कि बिना सिम के आपका मोबाइल खाली डिब्बे के समान होता है।


शायद ही आप जानते हो कि 2003 से पहले मोबाइल नंबर 9 अंको के हुआ करते थे। परंतु अब हमारे देश में प्रत्येक मोबाइल का नंबर 10 अंकों का होता है जिसका प्रथम अंक 9, 8, 7, अथवा 6 होता है। राष्ट्रीय संख्या योजना 2003 के अनुसार मोबाइल के 10 अंकों को दो भागों में बांटा गया था।  XXXX-NNNNNN जहां XXXX नेटवर्क ऑपरेटर अंक हैं तथा NNNNNN उपभोक्ता संख्या अंक हैं। परंतु 20 जनवरी 2011 से "एमएनपी" मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू होने के कारण मोबाइल नंबर के प्रथम 4 अंक नेटवर्क ऑपरेटर का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
       TRAI का मानना है की पिछले कुछ वर्षों में टेलीकॉम सेवाओं में व्यापक विस्तार देखने को मिला है तथा टेलीकॉम कनेक्शनों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि देखने को मिली है। इससे उपलब्ध नंबरिंग प्रणाली में विशेषकर मोबाइल सेगमेंट में, इनकी उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि वर्तमान में उपलब्ध नंबरिंग योजना को वर्ष 2003 में अपनाया गया था तथा ऐसा अनुमान था कि यह नंबरिंग प्रणाली वर्ष 2033 तक उपयुक्त रहेगी परंतु भारत में टेलीफोन ग्राहकों की कुल संख्या जनवरी, 2020 के अंत तक 1,177.02 मिलियन हो गई थी। अतः भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण' TRAI ने साल 2020 में देश में नवीन राष्ट्रीय नंबरिंग योजना  NNP लागू करने की सिफारिश की थी ताकि प्रत्येक ग्राहक को ‘विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जा सके। TRAI ने सरकार को इस मसले से अवगत कराते हुए ‘राष्ट्रीय नंबरिंग योजना’ की समीक्षा करने तथा आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने को कहा था। अतः संभव है कि भविष्य में वर्तमान 10 अंकीय मोबाइल नंबर प्रणाली के स्थान पर 11-अंकीय मोबाइल नंबर प्रणाली को अपनाया जाए।

क्या आप सिम के इस उपयोग को जानते हैं?

      आपके मोबाइल में लगने वाली एक सिम एक मेमोरी कार्ड की तरह भी व्यवहार करती है जिसमें आप डाटा सेव कर सकते हैं आप अपने सिम कार्ड में फोन नंबर नाम एड्रेस आदि की जानकारी एकत्रित कर सकते हैं तथा टेक्स्ट संदेशों को भी एकत्रित कर सकते हैं। एक साधारण सिम में लगभग 250 कांटेक्ट नंबर तथा 25 संदेश एकत्रित किए जा सकते हैं। तथा सिम का एक और उपयोग जीपीएस की सहायता लेकर अपनी लोकेशन ज्ञात करना भी है।

मोबाइल नेटवर्क जनरेशन क्या है?

         मोबाइल नेटवर्क की दक्षता को जनरेशन द्वारा व्यक्त किया जाता है जिसे संक्षिप्त रूप में G कहते हैं अब तक निम्नलिखित जनरेशन आ चुकी है -
  • 1G – यह प्रथम जनरेशन है जो एनालॉग रेडियो सिग्नल पर आधारित हुआ करती थी इसकी शुरूआत सन 1981 में हुई। इस नेटवर्क के माध्यम से केवल वॉयस कॉलिंग और मैसेजिंग का उपयोग होता था और यह सर्विस कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में उपलब्ध थी।
  • 2G – यह संकीर्ण बैंड डिजिटल सिग्नल पर आधारित नेटवर्क था इस तकनीक में डाउनलोड और अपलोड की अधिकतक स्पीड 64 Kb/s तक थी। इसके बाद इसके अन्य वर्जन 2.5G और 2.7G भी आए। जिसमें डाटा के आदान-प्रदान की गति में कुछ सुधार हुआ था। चूंकि यह डिजिटल सिग्नल पर आधारित था अतः इसमें ईमेल सेंड और रिसीविंग के अलावा वेब ब्राउजिंग की सुविधा उपलब्ध थी
  • 3G – इस नेटवर्क की शुरुआत साल 2000 में हुई तथा इस नेटवर्क द्वारा मोबाइल फोन पर इंटरनेट का उपयोग तेजी से अधिक दक्षता से हो सका जिससे डाउनलोड एवम अपलोड करने की स्पीड में सुधार हुआ। 3G तकनीक में अधिकतक डाउनलोड गति 21Mb/s और अपलोड गति 5.7Mb/s थी। हालांकि व्यवहार में यह गति इससे काफी कम थी।
  • 4G – इस तकनीक की शुरुआत साल 2007 में हुई यह सबसे अधिक दक्ष नेटवर्क है जिसमें हाई स्पीड इंटरनेट, नेट सर्फिंग चैटिंग टेलीविजन व्यूइंग म्यूजिक सुनना आदि संभव हो सका तथा 4G के आने के बाद बफरिंग शब्द गायब हो गया यह नेटवर्क 1Gb/s तक की डाउनलोडिंग स्पीड मुहैया कराता है। हालांकि व्यवहार में यह इससे कम है
  • 5G – यह 4G से भी अधिक दक्ष नेटवर्क है जिसमें अत्यधिक हाई स्पीड के साथ इंटरनेट सर्फिंग किया जा सकता है तथा वह सारे कार्य जो 4G नेटवर्क से संभव थे 5G के माध्यम से ज्यादा स्मार्ट तरीके से तीव्र निष्पादित हो सकेंगे।


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