विद्युत प्रतिरोध
विद्युत प्रतिरोध क्या है?
प्रतिरोध = विभवांतर/धारा
या
R = V/I
प्रतिरोध का मात्रक:-
1ओह्म = 1 वोल्ट/1एंपियर
जिसका मतलब यह हुआ कि यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभांतर लगाने पर चालक में 1 एंपियर धारा बहने लगे तो उसका प्रतिरोध 1 ओह्म होता है प्रतिरोध एक अदिश राशि है।
प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक:-
- चालक के पदार्थ पर निर्भरता-
समान लंबाई तथा समान अनुप्रस्थ परिच्छेद होने पर जिस चालक के पदार्थ में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक होती है उसका प्रतिरोध कम होता है।- चालक की लंबाई पर निर्भरता-
चालक की लंबाई बढ़ाने से उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की धन आयनों से होने वाले संघट्टों की संख्या बढ़ जाती है फल स्वरुप उसका प्रतिरोध भी बढ़ जाता है। चालक का प्रतिरोध R उसकी लंबाई L के अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात् R ɑ L
- चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल पर-
चालक का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल बढ़ाने पर मुक्त इलेक्ट्रॉनों की धन आयनों से होने वाले टक्कर की संख्या घट जाती है, फल स्वरुप उसका प्रतिरोध भी कम हो जाता है। चालक का प्रतिरोध R उसके अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात्R ɑ 1/A
- चालक के ताप पर निर्भरता-
चालक का ताप बढ़ाने पर इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग बढ़ जाता है जिससे संघट्टों की संख्या बढ़ जाती है, फल स्वरूप चालक का प्रतिरोध भी बढ़ जाता है।विशिष्ट प्रतिरोध:-
हमने देखा कि किसी चालक तार का प्रतिरोध तार के पदार्थ पर निर्भर होने के साथ-साथ उसकी लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है तथा उस की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः
R ɑ L तथा R ɑ 1/A
दोनों प्रतिबंधों को सम्मिलित रूप में लिखने पर
R ɑ L/A
Or
R = ρ(L/A)
जहां ρ एक नियतांक हैं जिसे धातु या तार के पदार्थ की प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैंं स्पष्टता विशिष्ट प्रतिरोध चालक के पदार्थ का लाक्षणिक गुण है इसका मान केवल चालक के पदार्थ व उसके ताप पर निर्भर करता है अतः किसी चालक पदार्थ के लिए ρ का मान कम होगा तथा कुचालक पदार्थों के लिए ρ का मान अधिक होगा जबकि पूर्ण सुचालक के लिए ρ का मान शून्य तथा पूर्ण कुचालक के लिए ρ का मान अनंत होगा
विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक (ओम × मीटर) होता है
प्रतिरोध का उपयोग:-
दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल टीवी रेडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामग्री में प्रतिरोध का उपयोग किया जाता है। चांदी तांबा एलुमिनियम आदि धातुओं की प्रतिरोधकता बहुत कम होती है अतः इनसे चालक तार बनाए जाते हैं इसके विपरीत नाइक्रोम मैग्नीज कांस्टेंट आदि पदार्थों के प्रतिरोधक तार तथा ऊष्मक तार बनाए जाते हैं क्योंकि इनका प्रतिरोध उच्च होता है जैसे हीटर की स्प्रिंग विद्युत बल्ब का फिलामेंट आदि
उपरोक्त चित्र में व्यापारिक रूप से उपलब्ध प्रतिरोध को दर्शाया गया है जिनका उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे चार्जर रेडियो एलईडी बल्ब आदि मे देख सकते हैं
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