विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम
सर्वप्रथम विद्युत चुंबकीय तरंगों की खोज वैज्ञानिक हर्ट्ज के प्रयोगों के द्वारा हुई इसके उपरांत अनेक प्रयोग हुए और प्रयोगों द्वारा विभिन्न तरंगदैर्ध्यों या विभिन्न आवृत्तियों की विद्युत चुंबकीय तरंगों का उत्पादन संभव हो सका है।
इन विद्युत चुंबकीय तरंगों की तरंग धैर्य 1/10¹⁴ मीटर से 10⁴ मीटर तक की परास में फैली होती है। इन विद्युत चुंबकीय तरंगों के गुण उनकी तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करते हैं अतः विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम मे विभिन्न गुणों वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों को उनकी बढ़ती तरंगदैर्ध्य के क्रम में रखा जाता है।विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम क्या है?
यदि परिभाषा देखें तो विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम एक खास क्रम है जिसमें विभिन्न गुणों वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों को उनकी बढ़ती हुई तरंगदैर्ध्य के क्रम में रखा जाता है। तरंगदैर्ध्य के बढ़ते हुए क्रम में यह तरंगे निम्नलिखित हैं:
- गामा किरणें
- एक्स किरणें
- पराबैंगनी किरणें
- दृश्य प्रकाश
- अवरक्त विकिरण
- माइक्रो तरंगे
- रेडियो तरंगे
ध्यातव्य है कि इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य एक निश्चित ना होकर, कुछ परास में इस प्रकार फैली होती हैं कि एक वर्ग के विकिरण दूसरे वर्ग के विकिरण में आंशिक रूप से अति व्याप्त होते हैं। उपर्युक्त सभी विद्युत चुंबकीय तरंगों के कुछ गुण सर्वनिष्ठ होते हैं जैसे-
- यह तरंगे निर्वात में भी चल सकती हैं।
- सभी तरंगों की निर्वात में चाल 3×10⁸ मीटर प्रति सेकंड होती है।
- सभी तरंगे परावर्तन अपवर्तन व्यतिकरण विवर्तन तथा ध्रुवण के गुण दर्शाती हैं।
- ये सभी तरंगे अनुप्रस्थ तरंगेे होती हैं तथा इन सभी तरंगों पर विद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- दृश्य स्पेक्ट्रम
- अदृश्य स्पेक्ट्रम
दृश्य स्पेक्ट्रम:-
दृश्य प्रकाश का अध्ययन सर्वप्रथम वैज्ञानिक न्यूटन ने सन 1666 में किया था सर्वप्रथम न्यूटन ने दृश्य प्रकाश की तरंग धैर्य की सीमा के विषय में बताया था वस्तुओं के श्वेत तप्त होकर चमकने पर दृश्य प्रकाश प्राप्त होता है विद्युत बल्ब सोडियम लैंप फ्लोरेसेंट ट्यूब से प्राप्त प्रकाश दृश्य प्रकाश होता है दृश्य स्पेक्ट्रम के माध्यम से ही हम संसार की सभी वस्तुओं को देख पाते हैं। संपूर्ण स्पेक्ट्रम का यह बहुत ही छोटा भाग है। दृश्य स्पेक्ट्रम के ऊपर या नीचे के स्पेक्ट्रम को सीधे आंखों से नहीं देखा जा सकता है। विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के दृश्य भाग की विभिन्न तरंगदैर्ध्यों की विद्युत चुंबकीय तरंगे हमारी आंख के रेटिना पर विभिन्न रंगों का प्रभाव उत्पन्न करती हैं। स्पेक्ट्रम के इस भाग में हमें बैगनी रंग से लेकर लाल रंग तक दिखाई पड़ते हैं, स्पेक्ट्रम के इस भाग को दृश्य स्पेक्ट्रम कहते हैं। दृश्य स्पेक्ट्रम की तरंगदैर्ध्य परास सीमित होती है इसका विस्तार तरंगदैर्ध्य परास 4.0/10⁷ मीटर या 4000Å से 8/10⁷ मीटर या 8000Å तक होता है। इसमें लाल रंग की तरंगदैैर्ध्य सबसे अधिक ≈8000Å तथा बैगनी रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे कम ≈4000Å होती है। वास्तव में बैंगनी तथा लाल रंगों के बीच असंख्य रंग फैले होते हैं यदि इन्हें क्रम मे रखें तो क्रमशः बैगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल होंगेअदृश्य स्पेक्ट्रम:-
गामा किरणें-
गामा किरणों का उपयोग :
- इन किरणों का उपयोग कैंसर तथा ट्यूमर रोग के निदान मे किया जाता है।
- गामा किरणों के माध्यम से खाद्य पदार्थों को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
- इनका उपयोग नाभिकीय अभिक्रिया के संचालन में भी किया जाता है।
- तथा नाभिक के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी गामा किरणों का उपयोग किया जाता है।
एक्स किरणें-
एक्स किरणों का उपयोग:
- सर्जरी चिकित्सा में हड्डी टूटने पर हड्डी टूटने के स्थान का पता लगाने में।
- शरीर के किसी भाग में गोली आदि का पता लगाने में या किडनी मे पत्थर की उपस्थिति ज्ञात करने में।
- कैंसर रोग तथा त्वचा रोग के निदान में।
- इंजीनियरिंग में गर्डर आदि धात्विक वस्तुओं में त्रुटि का पता लगाने में।
- वैज्ञानिक शोध कार्य जैसे क्रिस्टल संरचना ज्ञात करने में।
- चोरों द्वारा अपने शरीर में छिपाई गई मूल्यवान वस्तुओं का पता लगाने में।
पराबैंगनी विकिरण-
पराबैंगनी किरणों के उपयोगः
- इन विकिरणों का उपयोग खाद्य पदार्थों के संरक्षण में किया जाता है।
- अंगुली के चिन्ह फिंगर प्रिंट की जांच करने में भी पराबैंगनी किरणों का उपयोग किया जाता है।
- पराबैंगनी किरणों का उपयोग अनेक रोगों के कीटाणुओं का नाश करने के लिए किया जाता है।
- इन किरणों से सर्जिकल उपकरणों की सफाई की जाती है।
- आण्विक संरचना के अध्ययन में भी यह विकिरण उपयोगी है।
- खनिज सैंपल की जांच करने आदि में भी इस विकिरण का उपयोग किया जाता है।
अवरक्त विकिरण-
अवरक्त विकिरणों के उपयोगः
- रोगी की सिकाई में
- उपग्रह को सोलर सेल की सहायता से विद्युत ऊर्जा प्रदान करने में
- रात्रि के समय फोटोग्राफी में
- कोहरे में संकेत एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में
- ग्रीन हाउस में पौधों को गर्म रखने के लिए
- अवरक्त फोटोग्राफी द्वारा मौसम के बारे में पूर्व सूचना देने में
- अवरक्त अवशोषण वर्णक्रम द्वारा आणविक संरचना के अध्ययन में
- विद्युत संयंत्रों के रिमोट में
माइक्रो तरंगे-
माइक्रो तरंगों के उपयोगः
- राडार और दूरसंचार में
- माइक्रो तरंग ओवन में खाद्य पदार्थ को पकाने के लिए
रेडियो तरंगे-
रेडियो तरंगों का उपयोग:
- रेडियो तरंगों का उपयोग दूरसंचार तथा राडार में किया जाता है।