चालक कुचालक एवं अर्धचालक में अंतर
क्र. |
चालक |
कुचालक |
अर्धचालक |
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1 | इनमें विद्युत का प्रवाह होता है। | इनमें विद्युत का प्रवाह नहीं होता है। | इनमें निम्न ताप पर विद्युत का प्रवाह नहीं होता है,लेकिन उच्च ताप पर विद्युत का प्रवाह होता है। |
2 | इनमें धारावाहक मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बहुत अधिक होती है। | इनमें धारावाहक मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या नगण्य होती है। | इनमें धारावाहक मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या ना बहुत कम और ना बहुत अधिक होती है। |
3 | ताप बढ़ाने पर चालकों का प्रतिरोध बढ़ता है अर्थात इनका ताप प्रतिरोध गुणांक धनात्मक होता है। | ताप बढ़ाने पर इनका प्रतिरोध अप्रभावित रहता है, अर्थात इनका ताप प्रतिरोध गुणांक शून्य होता है। | ताप बढ़ाने पर इनका प्रतिरोध घटता है, अर्थात इनका ताप प्रतिरोध गुणांक ऋणात्मक होता है। |
4 | अशुद्धि मिलाने पर इनकी चालकता घटती है। इनकी प्रतिरोधकता बहुत कम (1/10⁸ से 1/10² ओम×मीटर) होती है। | इनकी प्रतिरोधकता बहुत अधिक (10¹¹ से 10¹⁹ ओह्म×मीटर) होती है। | इनकी प्रतिरोधकता भी कम लगभग 1/10⁵ से 1/10⁶ ओह्म×मीटर होती है। |
5 | इनमें संयोजी बैंड तथा चालन बैंड के बीच वर्जित ऊर्जा अंतराल शून्य होता है। | इनमें संयोजी बैंड तथा चालन बैंड के बीच वर्जित ऊर्जा अंतराल 3eV से अधिक होता है। | इनमें संयोजी बैण्ड तथा चालन बैण्ड के बीच वर्जित ऊर्जा अंतराल लगभग 1eV की कोटि का होता है। |
6 | उदाहरण: धातु, मानव शरीर, पृथ्वी आदि। | उदाहरण: कांच, लकड़ी और प्लास्टिक आदि। | उदाहरण: जर्मेनियम, सिलिकान आदि। |
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