सुंदरलाल बहुगुणा
सुंदरलाल बहुगुणा एक गांधीवादी पर्यावरणविद है इनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक गाँव मरोदा में तारीख 9 जनवरी 1927 को हुआ। इन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा एवं सत्याग्रह के सिद्धांतों को अपनाकर शांतिपूर्ण तरीके से चिपको आंदोलन का नेतृत्व किया और इसे सफल बनाया। चिपको आंदोलन का मूल विचार इनकी पत्नी विमला बहुगुणा का था परंतु इसे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए इसका नेतृत्व इन्होंने किया। ये हिमालय क्षेत्र में वनों के संरक्षण के लिए संघर्ष करते रहे और प्रयास तब सफल हुआ जब इंदिरा गांधी ने इनके आग्रह पर हिमालय क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों को संरक्षण प्रदान करने के लिए कानून पारित करवाया ये सन 1980 से 2000 के बीच टिहरी बांध के निर्माण के विरोध में आंदोलन चलाते रहे। इन्होंने टिहरी बांध के कारण पड़ने वाले प्रभावों के संदर्भ में लोगों को जागरूक भी किया साथ ही ये सामाजिक रुप से बहुत सक्रिय रहे और महिलाओं और एवं गरीबों को उनके अधिकार दिलाने के लिए प्रयासरत रहे तथा दलितों को मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए आंदोलन भी चलाया। चिपको आंदोलन के कारण आज विश्व भर में ये वृक्ष मित्र के नाम से प्रसिद्ध है। इनके पर्यावरण एवं सामाजिक क्षेत्रों में किए गए कार्यों से प्रभावित होकर विश्व भर की कई संस्थाओं ने इन्हें पुरस्कृत किया है। भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्मश्री एवं 2009 में पद्म विभूषण से अलंकृत किया।
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