सुनीता नारायण
सुनीता नारायण पर्यावरणविद होने के साथ-साथ एक लेखिका भी हैं। पर्यावरण और राजनीतिक कार्यकर्ता सुनीता नारायण समाज के हरित विकास (green development) की समर्थक हैं। इनका मानना है कि वातावरण में फैलती अशुद्धता से सबसे ज्यादा हानि महिलाओं बच्चों एवं गरीबों को होता है। यह दशकों से पर्यावरण एवं समाज की मूलभूत समस्याओं के लिए जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हैं। इनके कार्यों से प्रभावित होकर भारत सरकार ने 2005 में इन्हें पद्मश्री से अलंकृत किया। इन्हीं के नेतृत्व में 2005 में विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (CSE) को स्टॉकहोम वाटर प्राइज पुरस्कार भी मिला। 2005 में ब्रिटिश मैगजीन प्रॉस्पेक्ट और 2008 में अमेरिकन मैगजीन फॉरेन पॉलिसी ने पूरे दुनिया भर में मौजूद सर्वश्रेष्ठ 100 बुद्धिजीवियों की श्रेणी में इन्हें शामिल किया है।
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