सियाचिन ग्लेशियर के नीचे गर्म पानी का झरना। Hot spring under Siachen Glacier.

नमस्कार साथियों आज मैं आपने ब्लॉग के इस पोस्ट में आप सब के लिए एक बहुत ही रोचक या OMG टाइप की जानकारी लेकर आया हूं, तो कृपया ध्यान से अंत तक जरूर पढ़ें।


यूं तो सारा ब्रह्मांड ही रहस्यों से भरा है और समय-समय पर विज्ञान ने अपनी दृष्टि दूर-दूर तक फेंकी है और विभिन्न रहस्यों से पर्दा हटाने का प्रयास किया है, परंतु सच तो यह है कि अभी तक हम हमारी पृथ्वी तक के बारे में भी ठीक से नहीं जान पाए हैं। कुदरत ने ऐसा ही एक रहस्यमई वरदान लद्दाख की नुब्रा घाटी में दे रखा है। लद्दाख की नुब्रा घाटी तरह-तरह के दिलचस्प और अद्भुत दृश्यों का एक उद्गम स्थल है। इस आकर्षक चट्टानी रेगिस्तान में कुदरत ने एक ओर नुब्रा नदी के किनारे रेत के मनमोहक टीलों को खूबसूरती से सजा रखा है वहीं दूसरी ओर इस कटीली सर्दी के लिए प्रसिद्ध काफी ठंडे इलाके को कुछ खास किस्म के ऊंट भी प्रदान किए हैं। यहां पाए जाने वाले यह ऊंट डबल कूबड़ वाले होते हैं तथा यह सिर्फ और सिर्फ भारत के इसी इलाके में पाए जाते हैं। यह आकर्षक खास किस्म के ऊंट प्राचीन रेशम मार्ग पर व्यापार के लिए कड़ाके की सर्दी में परिवहन और यातायात का साधन होते थे। अब ये ऊंट उस प्राचीन दौर की एकमात्र जिंदा बचने वाली चीजों में से एक हैं, जो अब थोड़े से ही रह गये हैं।


आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सियाचिन ग्लेशियर की ऊंची चोटियों के बिल्कुल नीचे छोटे से आखरी सरहदी गांव पानमिक में (जहां तक सैलानियों को आने की इजाजत है) ऋणात्मक तापमान वाले इस लद्दाख के ठंडे इलाके में प्रकृति प्रदत्त गर्म पानी की जलधाराएं भी मौजूद हैं जो अपने आप में चौंकाने वाली बात है। सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों के नीचे गर्म पानी के ये झरने सचमुच कुदरत का चमत्कार हैं। लोगों का मानना है कि सोते से निकलने वाला ये गर्म पानी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। समुद्र की सतह से 3 किलोमीटर से भी ज्यादा ऊंचे इस स्थान पर गरम ‌पानी का यह चश्मा पर्यटकों के लिए काफी लोकप्रिय है हालांकि दुनिया में और भी कई ऐसी जगह मौजूद हैं जहां प्राकृतिक रूप से गर्म पानी उपलब्ध है परंतु लद्दाख के इस तीव्र ठंडे इलाके में इस चश्मे की अपनी एक अलग पहचान है। यह पानी इतना गर्म है कि इससे सदैव भाप निकलते हुए देखा जा सकता है। और इसे सीधे छूना मुश्किल है। इस गर्म पानी में आलू अंडे या चावल को उबाला जा सकता है।


प्राकृतिक रुप से गर्म जल कुंडों या जल धाराओं के रहस्यों को जान पाना किसी के बस की बात नहीं है। परंतु वैज्ञानिकों ने इस पर अपने सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं। यदि वैज्ञानिकों की माने तो गरम पानी के इस चश्मे के गर्म होने का कारण चश्मे के पानी में सल्फर की अच्छी खासी मात्रा है। इस जल में सल्फर की मात्रा होने के कारण ही इसमें कई औषधि गुण भी मौजूद हैं यह पानी चर्म रोगों, गठिया वा घुटनों के दर्द में काफी फायदेमंद हो सकता है, यही वजह है कि दूरदराज से आए सैलानी इस गर्म पानी में स्नान करते हैं। पानी के अत्यधिक गर्म होने की वजह से इस पानी में ठहरना मुश्किल है अतः सोते से कुछ दूरी पर नहाने के लिए बाथ हौज बनाए गए हैं जिसमें पानी ठंडा होने के बाद लोग स्नान करते हैं।

         हमारा देश में ऐसे कई प्राकृतिक रहस्य मौजूद है। देस में लद्दाख का केवल यही एक मात्र स्थान नहीं है जहां प्राकृतिक रूप से गर्म पानी पाया जाता है बल्कि देश में और भी ऐसे कई जगह हैं जहां पर गर्म पानी उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ के तातापानी में गर्म पानी का कुंड मौजूद है। हिमाचल प्रदेश में खीरगंगा कुंड, जहां 12 महीने गर्म पानी मिलता है। हिमाचल प्रदेश का मणिकरण कुंड भी गर्म पानी का कुंड है। यह कुंड हिंदूओं और सिक्खों की आस्था का केन्द्र भी है।

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