NASA's space station will now be dropped at sea

क्या नासा का अंतरिक्ष स्टेशन अब समुद्र में गिराया जाएगा?


नमस्कार साथियों आज इस ब्लॉग के माध्यम से मैं विज्ञान और तकनीक से जुड़ी एक ताजा तरीन जानकारी आपके पास लाया हूं। दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पृथ्वी की कक्षा में स्थित अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) को सेवानिवृत्त करने का मन बना लिया है। एजेंसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साल 2031 में इस स्पेस स्टेशन को एक सुनिश्चित व्यापक योजना के तहत प्रशांत महासागर के निमों प्वाइंट में क्रैश-लैंड कराया जाएगा। दरअसल इस अंतरिक्ष स्टेशन को सन 1998 में लगभग 15 साल काम करने के लिए ही बनाया गया था बाद में जांच-पड़ताल से यह पता चला कि अभी यह कुछ साल और काम कर सकता है। परंतु हाल ही में इस में कुछ कमियों का पता चला है चूंकि स्पेस स्टेशन में कुछ एस्ट्रोनॉट्स हमेशा मौजूद रहते हैं अतः किसी अनहोनी से बचने के लिए इसे अब शहीद करने का फैसला लिया गया है। आइए इस मामले से जुड़े कुछ परीक्षोपयोगी बिंदुओं को जान लेते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS)

ISS एक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन है जिसे साल 1998 में लॉन्च किया गया था। तब से यह हर दिन 7.66 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से धरती के 16 चक्कर लगाता है। इस प्रकार दिसंबर 2020 तक यह कुल मिलाकर 131,440 चक्कर लगा चुका है। इस स्पेस स्टेशन की चौड़ाई 357.5 फीट लगभग अमेरिकन फुटबॉल फील्ड के आकार का और वजन 4.44 लाख किलोग्राम है। इस स्पेस स्टेशन में हमेशा 7 से 8 एस्ट्रोनॉट्स बने रहते हैं। हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने स्पेस स्टेशन पर छोटी-छोटी दरारें देखी थीं। जिसके बाद यह आशंका जताई थी कि स्पेस स्टेशन की उम्र अब ज्यादा दिन नहीं बची है। इसमें ऐसे नुकसान हो रहे हैं, जिनको सुधार पाना मुश्किल है। यही कारण है कि एजेंसी द्वारा यह निर्णय लिया गया की ISS को जनवरी 2031 में “डी-ऑर्बिट” कर दीया जाएगा।
          अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को बनाने वाले देशों में अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा, ब्राजील, यूके, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड्स, इटली, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम शामिल थे। और उसपर अभी भी ब्राजील को छोड़कर सारे देश काम कर रहे हैं। ब्राजील सिर्फ 1997 से 2007 तक साथ में था और उसके बाद वह इस प्रोग्राम से अलग हो गया था।

निमों प्वाइंट (Nemo Point)

          निमो पॉइंट पृथ्वी पर स्थित एक ऐसी जगह है जो पृथ्वी की किसी भी स्थलीय भूमि से लगभग 2700 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दरअसल यह दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक क्षेत्र है जो किसी भी मानवीय सभ्यता से सबसे दूर की जगह है। इसे दक्षिण प्रशांत महासागर निर्जन क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। अतः यह स्थान निष्क्रिय अंतरिक्ष स्टेशनों, पुराने कृतिम उपग्रहों, और अन्य मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबों को गिराने के लिए उपयुक्त निर्जन जगह है। प्वाइंट निमो के आसपास किसी भी जहाज का हवा या पानी में आना-जाना पूर्णता वर्जित है। यह कोई प्रथम घटना नहीं होगी जब किसी अंतरिक्ष मलबे को यहां गिराया जाएगा साल 1971 से लेकर अब तक लगभग भिन्न-भिन्न प्रकार के 300‌ अंतरिक्ष कचरों को प्वाइंट निमो में डाला गया है। इसमें पांच पुराने अमेरिका और रूस के स्पेस स्टेशन भी शामिल हैं। 2001 में रूस के स्पेस स्टेशन मीर (MIR) को भी इसी जगह धरती पर गिराया गया था। चूंकि यहां पर किसी तरह की इंसानी गतिविधि नहीं होती यही कारण है कि अंतरिक्ष के मलबों को यहां गिराया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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