The science behind lightning or thunderstorms

तड़ित या मेघ गर्जना के

पीछे का विज्ञान


मानव आदि काल से ही प्रकृति के प्रति जिज्ञासु रहा है परंतु उस समय आकाश में इंद्रधनुष का दिखना मेघ गर्जना करना बिजली चमकना  जैसी घटनाए रहस्य बनी हुई थीं परन्तु आज इस वैज्ञानिक युग में विज्ञान ने हर घटना का उचित कारण जानने का प्रयास किया है। तो आइए आज सरल शब्दों में जानते हैं कि आखिर बिजली गिरने या बादलों की गड़गड़ाहट के पीछे का  विज्ञान क्या है?


हम मे से अधिकांश लोगों ने यह अनुभव किया होगा कि जब दो विद्युत तार भूलवश संपर्क में आ जाते हैं तो वहां से चिंगारी निकलती है तथा एक आवाज भी उत्सर्जित होती है, आखिर ऐसा क्यों?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब दो बिद्युत तार आपस में मिलते हैं तो तार में प्रबल विद्युत धारा बहती है और अचानक तार का संपर्क हटते ही आवेश को रास्ता नहीं मिल पाता जिससे वह चिंगारी के रूप में बायु में प्रवाहित हो जाता है तथा आवेश बहते समय अपने मार्ग से वायु को तेजी से हटाता है जिससे आवाज उत्पन्न होती है
बादलों में कुछ ऐसी ही घटना घटित होती है।

बादल में तड़ित बनने की प्रक्रिया:-


              इस प्रक्रिया से एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिसमें बादल की ऊपरी परत धनात्मक रूप से चार्ज हो जाती है जबकि मध्य परत नकारात्मक रूप से चार्ज होती है। दो परतों के मध्य विद्युत तनाव का बहुत बड़ा (करीब अरबों वोल्ट का) अंतर विद्यमान है। अथवा दो विपरीत प्रकार के आवेशों से आवेशित बादल एक दूसरे के समीप आते हैं तब थोड़े समय में ही दोनों परतों के बीच एक विशाल विद्युत धारा (लाखों एम्पीयर) बहने लगती है। इससे ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे बादल की दोनों परतों के बीच मौजूद वायु गर्म होने लगती है। इस ऊष्मा के कारण दोनों परतों के बीच वायु का खाका बिजली के कडकने के दौरान लाल रंग का नज़र आता है। गर्म हवा विस्तारित होती है और आघात उत्पन्न करती है जिसके परिणामस्वरूप गड़गड़ाहट की आवाज़ आती है। परंतु वहां कोई चालक मौजूद नहीं होता अतः अत्यंत शक्तिशाली आवेश हवा में बह जाता है तथा वह किसी नजदीकी विपरीत आवे से आवेशित चालक जैसे ऊंची बिल्डिंग, चिमनी, टावर, पेड़ मनुष्य जानवर आदि से टकरा कर पृथ्वी मे समाप्त हो जाता है कभी-कभी यह झटका अत्यन्त शक्तिशाली होने के कारण अपने लक्ष्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर देता है आप जानकर हैरान होंगे कि संसार में प्रतिवर्ष लगभग 1करोड़ 60 लाख तड़ित पैदा होते हैं। आइए इसके प्रकारों को समझकर बातों को और स्पष्ट करते हैं।


२९ अप्रैल २०२० को अमेरिका के टेक्सस, मिसीसिपी और लुयिजियाना प्रांतों में एक साथ बहुत बड़ी आकाशीय बिजली चमकी थी। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की माने तो इस बिजली की चमक ७६८ किलोमीटर तक के इलाके में देखी गई थी। इससे पहले यह रिकॉर्ड ब्राजील के पास था जहां २०१८ में ७०९ किलोमीटर के दायरे में बिजली की चमकी देखी गई थी। वहीं साल २०२० में सबसे ज्यादा देर तक बिजली चमकने का रिकॉर्ड उरूग्वे और अर्जेंटीना में बना था, जहां बिजली की एक चमक १७.१ सेकंड तक देखी गई थी।

क्या आप जानते हैं?

आकाशीय बिजली के प्रकार-:


  • इंट्रा-क्लाउड: यह सबसे आम प्रकार की आकाशीय बिजली या तड़ित है। यह पूरी तरह से बादल के अंदर उत्पन्न होती है तथा बादल के विभिन्न आवेशित भागों में प्रवाहित होती है। कभी-कभी इसे शीट लाइटनिंग भी कहा जाता है क्योंकि इसके चमकने से आकाश प्रकाश की 'चादर' के समान जगमगा जाता है।

  • क्लाउड टू क्लाउड: वह तड़ित जो दो या दो से अधिक बादलों के बीच उत्पन्न होती है।

  • क्लाउड टू ग्राउंड: वह तड़ित जो बादल और भूमि के बीच उत्पन्न होती है इसमेे ज्यादा तर आवेश पृथ्वी की ओर प्रवाहित होता है

  • क्लाउड टू एयर: ऐसी आकाशीय बिजली जो तब उत्पन्न होती है जब धनात्मक रूप से आवेशित बादलों के चारों ओर उपस्थित वायु नकारात्मक रूप से आवेशित वायु तक पहुँचती है।

  • बोल्ट फ्रॉम द ब्लू: आकाशीय बिजली का एक प्रकार, जो तूफान के दौरान वायु की ऊपर उठती धाराओं के भीतर उत्पन्न होती है। कई मील तक क्षैतिज रूप से यात्रा करने के बाद ज़मीन से टकराती है।

  • एनविल लाइटनिंग: ऐसी आकाशीय बिजली, जो एनविल या तड़ितझंझा(थंडरस्टॉर्म) वाले बादलों के ऊपर विकसित होती है और ज़मीन से टकराने के लिये आम तौर पर सीधे नीचे की ओर जाती है।

  • हीट लाइटनिंग: तड़ित झंझा अथवा आंधी से उत्पन्न हुई बिजली की भयंकर गड़गड़ाहट जो बहुत दूर तक सुनाई देती है।


आकाशीय बिजली से कैसे बचा जा सकता है?


बिजली से बचने के निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिए :

  • बारिश से बचने के लिए या किसी भी कारण से किसी भी ऊँचे पेड़ के नीचे खड़े न हों।

  • आस-पास की सबसे ऊँची चीज न बनें  नाव या मैदान में, या पहाड़ी की चोटी पर खड़े हों, तो दुबक जाएँ पानी से बाहर निकल आएँ।

  • धातु की वस्तुएँ जैसे गोल्फ का बल्ला, मछली पकड़ने की छड़ व बंदूक, छाता आदि दूर रख दें। जूतों में नाल या कील लगे हों, तो उतार दें। साइकिल से उतर जाएँ।

  • सिर के बाल खड़े होने लगे या आपकी त्वचा सिहरने लगे या शरीर के रोम खड़े हों तो समझें बिजली गिरने ही वाली है। जमीन पर बैठकर सिर आगे झुका लें और घुटने बाँहों में भींच लें, लेकिन शरीर झुकाना, जमीन पर लेटना या चौपाया बनना खतरनाक है।

  • किसी बड़ी इमारत के पास ना खड़े हों, घर या कार में छिप जाएँ क्योंकि आवेश हमेशा बंद खोखले गोले के बाहरी पृष्ठ पर होता है जिससे आप सुरक्षित रहें गे

  • घर में पहुँचने के बाद सबसे सुरक्षित स्थान मे चले जाइये जैसे सबसे निचली मंजिल के सबसे बड़े कमरे के मध्य भाग मे, ज्वलनशील पदार्थ या चिमनी से दूर रहें।

  • दरवाजे, खिड़की, रेडिएटर और बिजली के चूल्हे आदि जैसे उपकरण से दूर रहें।

  • हल्की बिजली गिरने पर यदि तुरन्त उपचार किया जाए, तो घायल व्यक्ति के पूरी तरह ठीक होने की संभावना होती है। हृदय और फेफड़ों को जल्दी चालू न किया जाए तो मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना रह जाता है।

अंत में एक तथ्य आपके लिये अत्यन्त सांत्वनाकारी होगा की यदि आपने बिजली चमकती देख ली तो समझिए की आप बच गए हैं।
परंतु कभी-कभी तड़ित मकान में भी गिर सकती है अतः इससे बचने के लिए तड़ित चालक जैसे सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं।

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