Choose the right charger to charge your phone

सही चार्जर का चुनाव


"यार मैं अपना चार्जर भूल गया, कोई बात नहीं मेरा भी टाइप सी है लगा लेना चार्ज हो जाएगा, पर तुम्हारे चार्जर में तो मेरा फोन बहुत धीरे चार्ज होता है कहीं मेरी बैटरी तो नहीं खराब हो जाएगी।" दोस्त अगर यही चलता रहा तो जरूर खराब हो जाएगी। आज मार्केट में इतने सारे मोबाइल आ गए हैं और साथ में नई तकनीक भी। फोन के स्मार्ट होने के साथ-साथ फोन में लगने वाली बैटरी और चार्जर दोनों ही स्मार्ट हो गए हैं। कोई फोन फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है कोई स्लो चार्ज होता है ऐसे में फोन में लगने वाले चार्जर भी अलग-अलग वाट के होते हैं। पर अधिकांश लोग इस बात की परवाह किए बिना अपना फोन किसी भी चार्जर में लगा देते हैं। अगर अचानक कभी जरूरत पड़े तो बात अलग है परंतु कई बार हम नया फोन लेते हैं और कुछ दिन बाद फोन का चार्जर खराब हो जाता है ऐसे में हम कंपनी का ओरिजिनल चार्जर लेने के बजाए मार्केट से एक सस्ता चार्जर लाते हैं और हमारे फोन की बैटरी की लाइफ धीरे-धीरे खराब हो जाती है। आइए आज मैं आपको इसी विषय पर कुछ तकनीकी जानकारी देने का प्रयास करता हूं।



कभी भी फोन को चार्ज करते समय निम्नलिखित चार बिंदुओं को ध्यान में रखें।

  1. सबसे पहले अपने फोन को जानें कि आखिर उसे चार्ज करने के लिए कितने वोल्ट एवं एंपियर की विद्युत सप्लाई चाहिए यानी कि आपके फोन को चार्ज करने के लिए कितने वाट के इनपुट की आवश्यकता है।
  2. सेकंड नंबर पर अपने फोन में लगाने जा रहे चार्जर के आउटपुट को जानिए कि वह कितने वोल्ट एवं एंपियर की विद्युत धारा प्रवाहित करने जा रहा है।
  3. अब आप यह जांचिए कि आपका चार्जर ओरिजिनल है या नहीं क्योंकि एक खराब गुणवत्ता का चार्जर आपके फोन तक शुद्ध छने हुए डीसी करंट को नहीं पहुंचा पाएगा। जिससे आपके फोन और बैटरी दोनों को खतरा हो सकता है।
  4. चार्जर में प्रयुक्त केबल उचित एंपियर की धारा प्रवाहित करने में सक्षम है अथवा नहीं, एक खराब गुणवत्ता की केबल आपके चार्जिंग गति को धीमा कर सकती है।

चार्जर के इनपुट को कैसे समझें?

किसी भी चार्जर का इनपुट और आउटपुट आपके एडॉप्टर में अंकित रहता है। आपके घरों में मिलने वाले विद्युत सप्लाई सामान्यतया 220 वोल्ट की होती है और यदि आप किसी ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो वहां मिलने वाले विद्युत सप्लाई ज्यादातर 100 वोल्ट की होती है। अब यदि आपके चार्जर Adaptor में INPUT : 100–240V, 50/60Hz, 0.85A अंकित है इसका मतलब है कि आप अपने चार्जर को घर के स्विच बोर्ड में या ट्रेन के स्विच बोर्ड में इस्तेमाल कर सकते हैं। 50/60Hz यह सूचित करता है कि इनपुट प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 से 60 हर्ट्ज तक है इसका मतलब यह है कि आप इसे सिर्फ उन देशों में इस्तेमाल कर सकते हैं जहां प्रवाहित प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 से 60 हर्ट्ज तक है आपकी जानकारी के लिए आप इसे इंडिया और चाइना दोनों जगह इस्तेमाल कर सकते हैं।

चार्जर के आउटपुट को कैसे समझें?

किसी चार्जर का इनपुट तो सिर्फ चार्जर की सुरक्षा तक सीमित है आपके फोन की सुरक्षा चार्जर के आउटपुट से निर्धारित होती है। एक उन्नत किस्म का आधुनिक चार्जर एक से अधिक आउटपुट प्रदान कर सकता है। यदि आपके चार्जिंग एडॉप्टर में OUTPUT : 5V_2A, 9V_2A OR 11V_3A Max अंकित है तो इसका मतलब है की यह आधुनिक एडॉप्टर तीन प्रकार के फोन को चार्ज करने में सक्षम है। एक वह फोन जो 10 वाट (5V×2A = 10W) की चार्जिंग सपोर्ट करता है एक वह फोन जो 18 वाट (9V×2A = 18W) की चार्जिंग सपोर्ट करता है एक वह फोन जो 33 वाट (11V×3A =18W) की चार्जिंग सपोर्ट करता है। परंतु यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि कोई ऐसा फोन जो 6V_3A की करंट पर 18 वाट चार्जिंग सपोर्ट करता है तो उसे चार्ज करने के लिए यह चार्जर उपयुक्त नहीं है। पुनः मान लेते हैं कि किसी चार्जिंग एडॉप्टर में OUTPUT : 11V_4A Max अंकित है ऐसे में यह चार्जर सिर्फ और सिर्फ उसी फोन में प्रयुक्त हो सकता है जो 44 वाट की चार्जिंग 11V और 4A पर सपोर्ट करता है। यदि आपने इसे किसी लो चार्जिंग समर्थित फोन में लगा दिया तो आपका फोन डेड भी हो सकता है। हालांकि आजकल सभी फोनों में हाई वोल्टेज प्रोटेक्शन दिया रहता है जिससे फोन में अधिक वोल्टेज सप्लाई करने पर फोन चार्ज ही नहीं होगा। अब अधिकांश फोन भी एक से अधिक इनपुट के साथ चार्जिंग का समर्थन करते हैं।

चार्जिंग केबल कितना महत्व रखती है?

किसी फोन को सही तरीके से चार्ज करने के लिए उसे उचित विद्युत खुराक मिलना आवश्यक है, और एक केबल उसमें माध्यम का काम करती है। बाजार में भिन्न-भिन्न क्षमता वाली केबल उपलब्ध हैं अतः अपने फोन के अनुसार सही केबल का चुनाव करें। अधिकांश लोग केबल खरीदते समय मात्र यह देखते हैं कि हमारा फोन टाइप सी पिन का समर्थन करता है अतः हमें एक टाइप सी केबल चाहिए जबकि उन्हें चाहिए कि यदि उनका फोन 11 वोल्ट 4 एंपियर करंट के साथ 44 वाट की चार्जिंग सपोर्ट करता है तो उन्हें एक ऐसी केबल का चुनाव करना चाहिए जो 4 एंपियर की धारा प्रवाहित करने में सक्षम हो। ऐसे में यदि आप किसी ऐसी केबल का चुनाव करते हैं जो‌ सिर्फ 3 एंपियर की धारा प्रवाहित करने में सक्षम है तब एडॉप्टर द्वारा भेजी जा रही है अधिकांश विद्युत का ऊष्मा के रूप में क्षय हो जाता है और आपका फोन धीरे चार्ज होता है। लगातार खराब केबल का इस्तेमाल करने से फोन की बैटरी के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। किसी केबल के धाराप्रवाह की क्षमता अक्सर केबल के ऊपर अंकित रहती है अतः केबल खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें।

असली चार्जर का ही प्रयोग क्यों?

एक चार्जर इनपुट के रूप में प्रत्यावर्ती धारा को ग्रहण करता है तथा आउटपुट के रूप में डीसी करंट उत्सर्जित करता है। एक ओरिजिनल चार्जर में एसी करंट को डीसी में बदलने के लिए अच्छी गुणवत्ता के उपकरणों या रेक्टिफायर का प्रयोग एक से अधिक लेयरों में किया जाता है यानी कि एसी करंट को छानने के लिए एक से अधिक छन्ने का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि एसी करंट की हल्की सी मात्रा भी आपके डिवाइस या उसकी बैटरी को धीरे-धीरे धीमा या छतिग्रस्त कर सकता है। वहीं एक खराब गुणवत्ता के चार्जर में प्रत्यावर्ती धारा के अंश हो सकते हैं तथा चार्जर में अंकित आउटपुट वैल्यू की शुद्धता में खोट हो सकती है ऐसे में यदि आप एक लोकल या खराब गुणवत्ता वाले चार्जर का चुनाव करते हैं तो संभव है कि आपके फोन में कुछ विकृति आ जाए अतः एक चार्जर का चुनाव करते समय अपने मोबाइल कंपनी की अनुशंसा का ध्यान रखें।

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